नया साल.........(दुष्यंत कुमार) 4:51 AM नया साल आए , नया दर्द आए , मैं डरता नहीं हूँ , हवा सर्द आए । रहे हड्डियों में ज़रा भी जो ताक़त , रहे पथ सलामत , रहे पथ सलामत , बड़ी गर्द आए , पड़ी गर्द आए । नया साल आए , नया दर्द आए ! . . दुष्यंत कुमार Share This Story Share on Facebook Share on Twitter Pin this Post Tags: hindi kavita Newer Post Older Post You Might Also Like 0 comments
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